पूर्व सीएम गहलोत ने फिर भाजपा सरकार को घेरा, पूछा दिव्यांग विश्वविद्यालय का क्यों रोका गया काम?

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर साधा भाजपा सरकार पर निशाना, दिव्यांग विश्वविद्यालय का काम रोकने का लगाया आरोप 

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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से भजनलाल सरकार को घेरते हुए जमकर निशाना साधा। अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर दिव्यांगों की शिक्षा के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप लगाया। अशोक गहलोत ने जयपुर और जोधपुर में दिव्यांग विश्वविद्यालय के प्रोजेक्ट पर अघोषित रोक का आरोप लगाया और भाजपा सरकार पर तंज कसा। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में शुरू की गई योजनाओं का नाम बदलने और कई प्रोजेक्ट का काम रोकने के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष कई बार आमने-सामने भी हुआ है। गहलोत ने भजनलाल सरकार से सवाल करते हुए पूछा है की विश्वविद्यालय का काम क्यों रोका गया है?

अशोक गहलोत ने साधा भाजपा सरकार पर निशाना 
अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा की सिर्फ दिव्यांग नाम देने से नहीं, उन्हें शिक्षा के अवसर देने के काम आगे बढ़ाए सरकार। एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकलांग शब्द को दिव्यांग करवाते हैं और उन्हें सम्मान देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी की सरकार राजस्थान में दिव्यांगों के हित में घोषित की गई 2 यूनिवर्सिटी का काम रोक कर बैठी है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को संज्ञान लेकर इन दोनों विश्वविद्यालयों का काम जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहिए।

गहलोत ने कहा उच्च शिक्षा में दिव्यांगों की सहभागिता 5 प्रतिशत से भी है काम 
अशोक गहलोत ने कहा की भारत में उच्च शिक्षा में दिव्यांगों की सहभागिता 5 प्रतिशत से भी कम है। तमाम चुनौतियों के कारण दिव्यांग चाहकर भी उच्च शिक्षा में दाखिल नहीं हो पाते हैं।इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने बजट 2022-23 में जयपुर में बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी एवं बजट 2023-24 में जोधपुर में महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। यह नए तरह के विश्वविद्यालय थे इसलिए इनके कोर्स डिजाइन करने एवं अन्य औपचारिकताओं में समय लगना लाजिमी था। इसके लिए जयपुर में यूजीसी में लम्बा अनुभव रखने वाले डॉ देवस्वरूप को एवं जोधपुर में दिव्यांग सेवा में पूरा जीवन लगाने वाली कुसुमलता भंडारी को वाइस चांसलर नियुक्त किया गया था। इसके बाद हमारी सरकार बदल गई।

भजनलाल सरकार पर लगाया दिव्यांगों की शिक्षा के प्रति उदासीनता बरतने का आरोप 
अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार ने इन दोनों प्रोजेक्ट्स को अघोषित तरीके से रोक दिया है। कुसुमलता भंडारी लगातार सरकार से उन्हें स्टाफ एवं वित्तीय सहायता देने की मांग करती रहीं पर उन्हें सरकार ने कोई सहायता नहीं दी। दो महीने पूर्व उनका देहांत हो जाने के बाद अब तक किसी नए व्यक्ति को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई है। जयपुर में भी दिव्यांग विश्वविद्यालय के काम को आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है।
आपको बता दें की अशोक गहलोत ने अटल युवा प्रेरकों में राजीव गांधी युवा मित्रों को शामिल करने की भी सरकार से मांगा की है। गहलोत ने कहा की हमारी सरकार द्वारा राज्य सरकार की योजनाओं को प्रदेश के घर-घर तक पहुंचाने के लिए राजीव गांधी युवा मित्रों को इंटर्न के तौर पर लगाया था। इन युवा मित्रों ने अच्छा काम किया और योजनाओं के बारे में आमजन जागरुक हुआ। महंगाई राहत कैंपों में भी इनकी सेवाएं सराहनीय रहीं। भाजपा सरकार ने आते ही अकारण ही इनकी सेवाएं समाप्त कर दीं।
हमारी सरकार ने राजीव गांधी के नाम से योजना बनाई थी जिस पर आपको आपत्ति थी। अब अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राज्य सरकार अटल प्रेरकों की भर्ती कर रही है जिनका काम भी योजनाओं के प्रचार-प्रसार का रहेगा। हमें इस पर कोई ऐतराज नहीं है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इन युवा मित्रों को राहत देते हुए इस प्रेरक भर्ती में इन युवा मित्रों को समायोजित करना चाहिए जिससे बेरोजगारी के इस भीषण दौर में इन युवाओं को राहत मिल सके।