पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में हिंसा पर जताई चिंता, तो राठौड़ ने कहा उन्हें देर से आई सद्बु

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा पर गहलोत ने सरकार को घेरा, तो मदन राठौड़ ने किया पलटवार...

ashok ghelot

 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर प्रदेश की सियासत में बयानबाजी अब जोर पकड़ने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार और मंदिर तोड़े जाने के मुद्दे को लेकर केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाया, तो भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका यह बयान देरी से आया है. गहलोत को देर से सद्बुद्धि आई है।दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद भड़की हिंसा पर गहरी चिंता जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर वैश्विक मंच पर चुप्पी साधने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। इसके साथ ही गहलोत ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर नियंत्रण लगाने के लिए केंद्र सरकार से कूटनीतिक कदम उठाने की मांग की है। अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर सवाल दागे। बांग्लादेश में हुई हिंसा में अब तक 23 हिन्दुओं की हत्या हो चुकी है, पर केंद्र सरकार खामोश है। अशोक गहलोत ने सवाल किया कि आखिर केंद्र सरकार वैश्विक प्लेटफॉर्म्स पर अभी तक कोई भी बयान नहीं दे रही है। 

बांग्लादेश में हिन्दूओं पर हुई हिंसा मामले में गहलोत ने सरकार को घेरा 
अशोक गहलोत ने कहा बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हुई हिंसा में 23 हिन्दुओं की हत्या हो चुकी है एवं 152 मंदिरों में तोड़फोड़ की जा चुकी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी परिस्थिति के बावजूद भारत सरकार ने वैश्विक प्लेटफॉर्म्स पर अभी तक कोई भी बयान देना या बांग्लादेश पर दबाव डालना उचित नहीं समझा है। भारत सरकार को बांग्लादेश में हिन्दुओं एवं तमाम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर लगाम लगाने के लिए कूटनीतिक कदम उठाने चाहिए।

पूर्व सीएम ने केंद्र सरकार को कटघरे में में किया खड़ा
आपको बता दें की पहले भी अशोक गहलोत ने बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भड़की हिंसा और अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर चिंता जताई थी‌। उस समय भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की थी कि तमाम कूटनीतिक चैनल्स के जरिए इन मुद्दों के समाधान के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। विजय दिवस के मौके पर बांग्लादेश में भारत विरोधी नारेबाजी पर भी उन्होंने चिंता जताई थी और कहा था, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व में बांग्लादेश को आजादी भारत ने दिलवाई थी, और दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रहे थे। लेकिन अब दोनों देशों के संबंधों में जो कटुता आ गई है, वह बेहद चिंताजनक है।

गहलोत के बयान पर मदन राठौड़ ने किया पलटवार 
अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए मदन राठौड़ ने कहा उनका यह बयान देरी से आया है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समाज पर लगातार हमले हो रहे हैं। मंदिरों तक को तोड़ा जा रहा है। कई लोग वहां से पलायन कर चुके हैं। इस विषय पर हमारी सरकार की ओर से कूटनीतिक प्रयास करना चाहिए हमारी सरकार ने किए हैं। मदन राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार दबाव बना रही है। इसके साथ ही विश्व के कई अन्य देशों से भी दबाव बनवाया है। विश्व के कई लोकतांत्रिक देशों ने बांग्लादेश पर दबाव बनाया है। मदन राठौड़ ने कहा, अभी अशोक गहलोत का जो बयान आया वह बयान देर से आया है। लेकिन अच्छा आया है। यह सद्बुद्धि उन्हें पहले आनी चाहिए थी। जब हमारे निर्दोष लोगों पर अत्याचार हो रहा हो तो हम सबको एक मुखी होकर प्रयास करना चाहिए। इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए। अच्छी बात है कि अशोक गहलोत की भावनाएं जगी हैं। इसी तरह औरों की भी भावनाएं जगे तो निश्चित रूप से देश की एकता नजर आएगी।