गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि केन्द्रीय कारागृह जयपुर को घनी आबादी क्षेत्र से स्थानान्तरित किये जाने के संबंध में भूमि चिन्हिकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। विभाग द्वारा भूमि चिन्हिकरण के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि भूमि चिन्हीकरण के बाद केन्द्रीय कारागृह जयपुर को स्थानान्तरित करने की कार्यवाही की जाएगी। गृह राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान विधायक कालीचरण सराफ द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय कारागृह जयपुर की बंदी क्षमता एक हजार 173 हैं एवं एक हजार 751 निरुद्ध बंदियों की संख्या हैं। बंदी संख्या अधिक होने पर बंदियों को दुसरे कारागृहों में भेजा जाता है। बेढम ने कहा कि इस नवीन कारागृह निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए विभाग द्वारा सम्बंधित हितधारकों से समन्वय करते हुए कार्यवाही की जा रही है।
केन्द्रीय कारागृह जयपुर की बंदी क्षमता एक हजार 173 हैं एवं एक हजार 751 निरुद्ध बंदियों की संख्या ह
केन्द्रीय कारागृह जयपुर के स्थानांतरण के लिए भूमि चिन्हिकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन - गृह राज्य मंत्री

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रफीक खान ने कहा-क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह, आखिर क्यों छलका विधायक का दर्द...
आखिर विधानसभा में ऐसा क्या हुआ की मीडिया के सामने भावुक हो गए कांग्रेस के मुख्य सचेतक रफीक खान। विधायक रफीक खान का दर्द छलक उठा और वह भावुक हो गए। मीडिया से बात करते हुए रफीक खान का गला भर आया और उन्होंने कहा कि सदन में मेरा चरित्र हनन किया गया। क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह है। सदन में मुझे गालियां दी गई। मैं अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहा हूं। रफीक खान ने कहा कि अगर मुसलमान होना गुनाह है तो भाजपा के लोगों से कह रहा हूं कि आप कोई कानून लेकर आ जाओ। और यह कह दो कि आगे से कोई मुसलमान विधायक चुनकर नहीं आएगा। रफीक खान भावुक होते हुए कहने लगे कि आज अगर मेरे पिता जिंदा होते तो यह शब्द सुन भी नहीं पाते। मेरे पिता हिंदी के कवि रहे और उन्होंने हमेशा हिंदी को बढ़ावा दिया है। दरअसल रफीक खान का यह दर्द इसलिए छलक क्योंकि विधानसभा में हंगामे के दौरान पाकिस्तानी-पाकिस्तानी के नारे लगाए गए थे। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस में रोष व्याप्त है और कांग्रेस लगातार इसकी निंदा कर रही हैं।
पाकिस्तानी कहने पर छलका विधायक रफीक खान का दर्द
रफीक खान ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिला तो उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री से बात करो। मैं संसदीय कार्य मंत्री से मिला तो उन्होंने कहा कि हम चर्चा नहीं करेंगे। शब्द डिलीट कर देंगे, लेकिन यह शब्द पूरे मीडिया में है। यूट्यूब पर हैं तो क्या वहां से यह शब्द डिलीट हो जाएंगे। रफीक खान ने कहा कि विधायक गोपाल शर्मा ने जिस तरह से मेरे चरित्र का चीर हरण किया वह बर्दाश्त के लायक नहीं है। रफीक खान ने कहा की विधानसभा में चर्चा कर रहे हो तो बातचीत से समाधान होना चाहिए था। आपने चर्चा के दौरान न केवल शब्दों की मर्यादा तोड़ी, जिस तरह मेरे व्यक्तित्व का चीर हरण किया गया। इस तरह के शब्द मेरे लिए इस्तेमाल किए गए , मैं उम्मीद करता हूं यह बात पूरी सरकार सुनेगी और इस बात पर चर्चा करेगी ।
राजस्थान विधानसभा में लगे थे पाकिस्तानी-पाकीस्तानी के नारे
यह मामला तब शुरू हुआ जब राजस्थान विधानसभा में नगरीय विकास और स्वायत्त शासन की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सदन का माहौल अचानक गरमा गया। कांग्रेस के सचेतक रफीक खान जब अपनी बात रख रहे थे,रफीक खान ने भजनलाल सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को नाकाम बताया। साथ ही उन्होंने एक शेर पढ़ा ‘जो रईस हैं खानदानी मिजाज रखते हैं, नरम अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई नई है‘। तभी भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने उन पर पाकिस्तानी -पाकिस्तानी का नारा लगाया। गोपाल शर्मा के इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ा ऐतराज जताया, जिससे सदन में तकरीबन दो मिनट तक नोकझोंक होती रही। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी रोष जताया था।
खान ने कहा- मुस्लिम विधायक होना गुनाह तो पास करवा दो कानून
टीकाराम जूली ने इस मामले को लेकर कहा था की सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा द्वारा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रफीक खान पर की गई टिप्पणी बेहूदा एवं स्तरहीन है। भाजपा नेताओं में बयानबाजी का स्तर दिनोंदिन गिराने की होड़ लग गई है। इन्हें विधानसभा में बोलने और सड़क पर दिए जाने वाले भाषणों में कोई अन्तर नहीं लगता है। ये भूल जाते हैं कि रफीक खान उस शेखावटी की भूमि से आते हैं जहां सभी धर्मों के लोग सेना में जाकर इस देश के लिए फक्र से अपनी जान देते हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं सदन के नेता भजनलाल शर्मा को इस पर संज्ञान लेकर विधायक पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी टिप्पणियां असहनीय एवं निंदनीय हैं। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ऐसे बयानों में क्या उनकी स्वीकारोक्ति है
राजस्थान के उपचुनावों में पार्टीयों के बीच गठबंधन को लेकर पशोपेश ।
जयपुर : उपचुनावों की घोषणा के साथ ही राजस्थान में भी चुनावी रण छिड गया है। सभी 7 सीटो पर नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 13 नवंबर को वोटिंग व 23 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आयेगा। चुनावी घोषणा के साथ ही, राज्य की सभी पार्टियां अपनी अपनी रणनितियो मे जूट गई है। गठबंधन पर भी बैठको का दौर शुरू हो गया है। हालंकि गठबंधन पर सभी पार्टियों के अपने -अपने मत है। राजस्थान में होने वाले 7 सीटो पर उपचुनाव में 4 प्रमुख पार्टिया सामने निकलकर आ रही है - भाजपा, कांग्रेस, BAP और RLP और चारो ही पार्टिया असमजम में दिख रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड का कहना है - कि वो उपचुनाव मे किसी से गठबंधन के लिए आग्रह नही करेगे , लेकिन अगर आगे से कोई निवेदन आता है - तो उसे मना भी नहीं करेंगें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उप-चुनावो को काग्रेस के लिए लिए सभी चुनौती माना , जबकि भाजपा के सभी 7 सीटो पर आश्वस्त दिखे।वहीं काग्रेस ने गठबंधन पर फैसला दिल्ली आलाकमान पर छोड़ा है। आपको बता दे ,लोकसभा चुनाव में राष्टीय पार्टी काग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी BAP से गठबंधन किया था।आदिवासी बेल्ट चौरासी विधानसभा सीट पर BAP जीत सुनिश्चत मान रही है| ऐसे में माना जा रहा था- यदि चौरासी सीट पर दोनो पार्टीयो का गठबंधन हो जाता है, तो यह बीजेपी की साख पर सवाल बन जायेगी। लेकिन कल भारत आदिवासी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान करके सभी प्रकार की सुगबुगाहट पर पुरण विराम लगा दिया है। BAP के मोहनलाल रोत का कहना है कि हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगें। चौरासी व सलूबर सीट से पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। देवली -उनियार सीट पर अभी विचार जारी है। हालंकि मोहनलाल रोत का यह भी कहना है कि- वो गठबंधन नही करेंगे, हाँ यदि काग्रेस समर्थन देती है, तो स्वागत है।
बेनीवाल ने कहा- भाजपा हमारी दुश्मन न०-1
वही दूसरी तरफ RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल का गुरुवार को एक बयान आया है.बेनीवाल ने बताया की BJP उनकी दुश्मन न०-1 है| भाजपा को सभी 7 सीटो पर मात के लिए वह काग्रेस से गठबंधन के लिए तैयार है। लेकिन देवली व खींवसर सीट पर वे अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे | बेनीवाल के अनुसार दो तीन दिन में यह साफ हो जायेगा कि दोनो पार्टियों में अलाइंस होता है कि नहीं। लेकिन अगर काग्रेस, RLP की शर्ते मान कर उनकी दो सीट की डिमांड पूरी कर देती है और सभवतः गठबंधन हो जाता है, तो बीजेपी की जीत की डगर कठिन हो सकती है, हाँ यदि मुकाबला त्रिकोणीय होता है भाजपा की जीत की संभावना अधिक हो जाती है |RLP प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि गठबंधन नहीं होता है ये देवली- उनियारा व खींवसर समेत रामगढ व झुंझुनूं यानि 4 सीटों पर चुनाव लडेंगें । इन सभी , चर्चाओ पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि वे राज्य की सभी 7 सीटो पर चुनाव लड़ने केलिए पूर्णतय तैयार हैं। लेकिन गठबंधन पर निर्णय के लिए दिल्ली में कमेटी बनायी गयी है। आलाकमान जो तय करेगा हमें वह मान्य होगा।
आपको बता दे - दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस सचिन पायलट के समर्थक को टिकट देने की संभावना बतायी जा रही| वही झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से बबलू चौधरी की दावेदारी मानी जा रही है। रामगढ़ सीट पर दिवंगत विधायक जुबेर खान की पत्नी व बेटे को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस अपना इमोशल कार्ड खेल सकती है जबकि भाजपा अपने पुराने प्रत्यशी सुखवंत सिंह को टिकट दे सकती है। चौरासी विधानसभा सीट पर BAP का दबदबा है व देवली- उनियारा , खीवंसर सीट पर RLP का वर्चस्व बना हुआ है। ( रिपोर्ट: अनुश्री यादव )
राजस्थान में हजारों छात्रों की टूटी उम्मीदें, RPSC ने RAS मेंस के जारी किए एडमिट कार्ड
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा 2023 के एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। यह परीक्षा 17 और 18 जून को निर्धारित है. एडमिट कार्ड जारी होने के साथ ही उन अभ्यर्थियों के बीच निराशा फैल गई है जो पिछले लगातार 10 दिनों से परीक्षा स्थगित करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। RAS अभ्यर्थी विभिन्न मांगों को लेकर परीक्षा स्थगित कराने के लिए आंदोलन कर रहे थे। उनकी प्रमुख मांगों में से एक यह भी थी कि प्रारंभिक परीक्षा (प्रीलिम्स) का परिणाम दोबारा जारी किया जाए और मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए।
परीक्षा स्थगित होने की संभावना लगभग खत्म हो गई है
RPSC ने इन मांगों को दरकिनार करते हुए एडमिट कार्ड जारी कर दिए, जिससे परीक्षा स्थगित होने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। कुछ अभ्यर्थी अभी भी इस उम्मीद में हैं कि अंतिम समय में कोई फैसला आ सकता है। इसके लिए लगातार 10 दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना प्रदर्शन चल रहा है। जिसमें 5 छात्रों की तबियत भी खराब हुई थी। इसी परीक्षा के लिए कई विधायकों ने भी RPSC को इसके लिए लेटर बी लिखा था। साथ ही आज यानी शनिवार को कुछ अभियर्थियों ने मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के घर के बाहर भी अपनी मांगों को लेकर पहुंचे है।
अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगें. RAS 2024 कि मुख्य परीक्षा को कम से कम तीन महीने आगे बढ़ाई जाए।
. RAS 2023 का अंतिम परिणाम घोषित करने के बाद ही RAS2024 मुख्य परीक्षा कराई जाए।
. RPSC परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर जारी करे। ताकि भविष्य में होने वाली परीक्षाओं को लेकर स्पष्टता रहे।
अभ्यर्थियों के पास क्या है विकल्पएडमिट कार्ड जारी होने के बाद अभ्यर्थियों के पास अब परीक्षा की तैयारी तेज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। RPSC ने स्पष्ट कर दिया है कि 17 और 18 जून को परीक्षा होगी। अभ्यर्थियों को सलाह दी जा रही है कि वे धरने-प्रदर्शन के बजाय शेष समय का उपयोग अपनी तैयारी को मजबूत करने में करें।
RAS मुख्य परीक्षा-2024 को स्थगित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का अनशन लगातार जारी है
राजस्थान यूनिवर्सिटी में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा-2024 को स्थगित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का अनशन लगातार जारी है। अभ्यर्थी मेंस परीक्षा की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। लगातार अनशन के कारण कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ रही है। फिर भी, उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अनशन खत्म नहीं करेंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि RPSC की ओर से स्पष्ट और समयबद्ध कार्रवाई की जरूरत है। क्या हैं अभ्यर्थियों की मांगें
बताते चलें कि, लगभग 20 अभ्यर्थी राजस्थान यूनिवर्सिटी में अनशन पर बैठे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि 17-18 जून को प्रस्तावित RAS मुख्य परीक्षा की तारीख को कम से कम तीन महीने आगे बढ़ाया जाए। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है और पिछली RAS परीक्षा का अंतिम परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। इससे कई अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं में चयनित हो सकते हैं, जिसके चलते अन्य अभ्यर्थियों की सीटें प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, वे राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) से एडमिट कार्ड फिलहाल जारी नहीं करने और एक वार्षिक परीक्षा कैलेंडर जारी करने की मांग भी कर रहे हैं, ताकि भविष्य की परीक्षाओं को लेकर स्पष्टता रहे।
किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से मुलाकात की
भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार सुबह प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से बात की जाएगी। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अभ्यर्थियों से कहा कि कल 5 लोग आ जाना, मैं CMO में आपकी बात करा दूंगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार अभ्यर्थियों के हित में जल्द ही कोई समाधान निकालने का प्रयास करेगी। किरोड़ी लाल मीणा ने अभ्यर्थियों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए उनकी समस्याओं को समझने और मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का वादा किया।
उत्कल रंजन साहू ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है
हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग के 40वें अध्यक्ष बने उत्कल रंजन साहू ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कुछ अभ्यर्थी RAS मुख्य परीक्षा की तारीख बदलने की मांग कर रहे हैं, यह मेरे संज्ञान में है। मैं पहले पूरे मामले को समझूंगा और फिर कोई निर्णय लूंगा। साहू ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में सभी परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ आयोजित की जाएंगी और पहले की गड़बड़ियों को सुधारा जाएगा।
SI भर्ती परीक्षा रद्द नहीं हुई तो होगी आर-पार की लड़ाई- हनुमान बेनीवाल
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने चेतावनी दी कि पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती-2021 रद्द करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पुनर्गठन की मांग को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा भर्ती मुख्य परीक्षा और स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा तिथि बढ़ाने की मांग भी उठाई। बेनीवाल ने जयपुर में शहीद स्मारक पर जारी धरने में शामिल आंदोलनकारियों को संबोधित किया। पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती रद्द करने और लोक सेवा आयोग के पुनर्गठन की मांग को लेकर 50 दिन से आंदोलन किया जा रहा है।
पीएम मोदी से मिलेगा प्रतिनिधिमंडलबेनीवाल ने कहा कि इन मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा गया है। उम्मीद है जल्द ही प्रतिनिधिमंडल को समय मिलेगा और इस विषय पर कोई निर्णय होगा।
RAS व स्कूल व्याख्याता परीक्षा की तिथि बढ़ाए सरकार- बेनीवालबेनीवाल ने कहा कि एसआई भर्ती रद्द करने व आरपीएससी के पुनर्गठन की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर जारी धरना अब सबसे लंबे समय तक चलने वाले आंदोलनों में शामिल हो गया है। इसके बावजूद सरकार सुनवाई नहीं कर रही, यह सरकार की संवेदनहीनता और जिद को दर्शाता है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि युवा आरएएस मुख्य परीक्षा और व्याख्याता परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग को लेकर भी आंदोलन कर रहे है, सरकार को इन दोनों परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।