हाईकोर्ट के आदेश पर FIR हुई
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, 'उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।' शाह ने आगे कहा, 'अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा...कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे।
दरअसल, मंत्री विजय शाह की विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विशेष जांच दल का गठन कर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। अब आज बुधवार 28 मई को इस स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में चर्चा होगी। सुप्रीम कोर्ट के एक सीनियर एडवोकेट के अनुसार एसआईटी द्वारा जमा की गई स्टेटस रिपोर्ट आरोपी मंत्री शाह के वकील और सरकार के वकील को उपलब्ध कराई जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर अदालत में चर्चा की जाएगी। बता दें कि मंत्री विजय शाह इस मामले में कई बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली है।
तीन आईपीएस अधिकारियों के विशेष जांच दल ने मंगलवार को अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। तीनों अधिकारियों ने 21 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर मामले में जांच शुरू की थी। एसआईटी ने इस मंत्री शाह के विवादित बयान से जुड़े सबूत और दस्तावेज मानपुर थाने से लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार की है।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंत्री विजय शाह के खिलाफ डिजिटल सबूत जुटाए हैं, जिसमें उनके द्वारा जारी किए गए वीडियो बयान शामिल हैं। इन वीडियो को हैश वैल्यू के माध्यम से सत्यापित किया गया है, जिससे यह साबित होता है कि वीडियो में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। एसआईटी ने इस वीडियो को ही शाह के खिलाफ बड़ा सबूत माना है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में उन लोगों के भी बयान दर्ज किए है जो 11 मई को रायकुंडा गांव में हुए कार्यक्रम के मंच पर मौजूद थे। हालांकि, टीम ने मंत्री विजय शाह के बयान नहीं लिए हैं।
मंत्री विजय ने जबलपुर हाईकोर्ट के 14 मई के FIR दर्ज करने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में 19 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री शाह की माफी को नामंजूर कर दिया था, साथ ही उन्हें जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं, आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही मामले में जांच के लिए शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मंत्री शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
भारतीय सेना की कर्नल कुरैशी को लेकर अमर्यादित टिप्पणी को बवाल मचा हुआ है। बिगड़े बोल बोलने वाले मंत्री विजय के मामले में सत्ता और संगठन ने गंभीरता दिखाई है। उन्हें सत्ता और संगठन से फटकार लगी है। वहीं विवादित बयान को लेकर बढ़ते आक्रोश के बीच जबलपुर हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद मंत्री शाह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। साथ कोर्ट ने टिप्पणी करने और गटर जैसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई थी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बयान में मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकवादियों की बहन’ कहा था। उनके इस बयान पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 152, 196 (1)(b) और 197(1)(c) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया था।