जयपुर के 10 अस्पताल भी ब्लॉक लिस्ट में राजस्थान के 119 हॉस्पिटल और दवा दुकानें RGHS से बाहर
Wednesday, 04 Jun 2025 00:00 am

Golden Hind News

राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) में अनियमितता और फर्जीवाड़े के कारण 119 से ज्यादा हॉस्पिटल और फार्मेसी पर कार्रवाई की गई है. इनमें जयपुर के कुल 10 हॉस्पिटल भी शामिल हैं। डॉक्टर और मेडिकल स्टोर के संचालकों के द्वारा फर्जी तरीके गबन करने का मामला सामने आया था.  डॉक्टर और मेडिकल संचालकों के द्वारा एक ही मरीज के नाम पर कई बार रिपोर्ट अपलोड कर भुगतान उठाया. वहीं 275 के करीब मेडिकल स्टोर के लाइसेंस रद्द और RGHS स्किम से डिस्पेनल किए गए हैं.

AI के जरिए होगी अब जांच

 योजना में अनियमितता और दुरुपयोग रोकने के लिए AI तकनीक और विशेषज्ञों की मदद से क्लेम्स का गहन विश्लेषण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आरजीएस योजना के क्रियान्वयन में खामियों और शिकायतों के चलते कई अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर तथा फार्मा स्टोर्स जांच के घेरे में हैं. जांच के दायरे से बाहर अस्पतालों, फॉर्मेसी स्टोर्स तथा कर्मचारियों, पेंशनरों को पूर्व की तरह आरजीएचएस के समस्त लाभ देय होंगे, इसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर विभाग की हेल्पलाइन 181 अथवा पोर्टल पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी.

RGHS में भी बायोमैट्रिक्स व्यवस्था होगी लागू

 आईपीडी तथा ओपीडी में फोटो की अनिवार्यता करने से पारदर्शिता आई है. अब राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त होने के बाद शीघ्र ही RGHS योजना में आयुष्मान योजना की तरह बायोमेट्रिक्स व्यवस्था लागू की जायेगी.

फर्जी स्लिप पर दवा देने से बचें दवा विक्रेता

 आरजीएचएस में पंजीकृत फॉर्मासिस्ट तथा दुकानदार योजना के तहत दवाएं देने के संबंध में प्रस्तुत की गई ओपीडी स्लिप में लाभार्थी का नाम तथा आरजीएचएस कार्ड स्पष्ट रूप से चेक करें. साथ ही ओपीडी की पर्ची तैयार करने वाले चिकित्सक के नाम, हस्ताक्षर, आरएमसी नंबर स्पष्ट न होने पर जांच कर लें. इससे गलत प्रकार से फर्जी ओपीडी स्लिप पर दवा देने से बचा जा सकता है. इससे पूर्व वित्त विभाग द्वारा मार्च तथा अप्रैल माह में निजी अनुमोदित अस्पतालों तथा राजकीय स्वास्थ्य अधिकारियों एवं चिकित्सकों के साथ एक विस्तृत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से, योजना के दुरूपयोग तथा इनसे बचने के उपायों पर विस्तृत चर्चा भी की जा चुकी है.