दुनिया में PAK को बेनकाब करेंगे भारतीय सांसद दुनिया को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताएगा भारत, ग्रुप लीडर्स में थरूर-सुप्रिया सुले के नाम
Saturday, 17 May 2025 00:00 am

Golden Hind News

ऑपरेशन सिंदूर पर अपना पक्ष मजबूती से दुनिया के सामने रखने के लिए केंद्र सरकार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजने का फैसला किया है. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के तेज तर्रार सांसदों को शामिल किया जाएगा. कांग्रेस ने इसमें शामिल होने की सहमति दे दी है.सरकार पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद दुनिया में भारत का मजबूती से पक्ष रखने और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने के लिए अगले सप्ताह से विभिन्न देशों में कई बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजेगी.मुख्य विपक्षी कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों से सरकार ने इसके लिए आह्वान किया है. कुछ दलों ने राजनयिक प्रयास के लिए अपने सदस्यों को भेजने की मंजूरी भी दे दी है. मंजूरी देने वाले दलों में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी शामिल है.

विदेश जाकर क्या करेगा बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल

विदेश जाने वाले इन प्रतिनिधिमंडलों या उनके सदस्यों की संख्या को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है, हालांकि कुछ नेताओं ने कहा कि 30 से अधिक सांसद हो सकते हैं.प्रतिनिधिमंडल 10 दिनों की अवधि के लिए विभिन्न देशों का दौरा करेंगे. सांसद सरकार द्वारा निर्धारित देशों का दौरा करेंगे. विदेश मंत्रालय (एमईए) सांसदों को उनके राजनयिक मिशन के लिए रवाना होने से पहले जानकारी देगा। सूत्र बताते हैं कि प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी (एसपी), जेडीयू, बीजेडी, सीपीआई (एम) और कुछ अन्य सांसद शामिल होंगे। एक दल के नेता ने बताया कि उन्हें 22-23 मई तक 10 दिनों की अवधि के लिए रवाना होने के लिए तैयार रहने को कहा गया है और विदेश मंत्रालय यात्रा कार्यक्रम सहित आवश्यक विवरण उपलब्ध कराने के लिए उनसे संपर्क करेगा।

कांग्रेस के कोनसे सांसद होंगे शामिल   

सरकार ने इस कूटनीतिक कवायद के बारे में कांग्रेस के कम से कम चार सांसदों के अलावा अन्य सांसदों को भी अवगत करा दिया है.सूत्रों का कहना है कि सरकार की सूची में शामिल कांग्रेस सांसदों में शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह के नाम शामिल हैं. पार्टी ने पुष्टि की है कि वह प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे.

सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, जद (यू) के संजय झा, बीजद के सस्मित पात्रा, राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले, द्रमुक की के कनिमोझी, माकपा के जॉन ब्रिटास और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी को भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने के लिए कहा जा रहा है.इस मामले पर फिलहाल सरकार की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है.रमेश ने 'एक्स' पर लिखा,''प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमलों और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दो सर्वदलीय बैठकों की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया. प्रधानमंत्री संसद का विशेष सत्र बुलाने पर सहमत नहीं हुए. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सामूहिक संकल्प दिखाने और 22 फरवरी, 1994 को संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने की मांग कर रही है.''

पहलगाम आतंकी हमले का बदला कैसे लिया गया

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी लगातार कांग्रेस को बदनाम कर रही है, जबकि उसने एकता और एकजुटता का आह्वान किया है. रमेश का कहना है,''अब अचानक प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा राष्ट्रीय हित के साथ खड़ी होती है और कभी भी बीजेपी की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती है. इसलिए, कांग्रेस निश्चित रूप से इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होगी.''

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को 26 लोगों की हत्या कर दी थी.इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे. इसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया.इस दौरान पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया.