बांग्लादेश के व्यापार में गिरावट . भारत के नए प्रतिबंध से पड़ोसी देश बांग्लादेश देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान .
Sunday, 18 May 2025 13:30 pm

Golden Hind News

भारत ने बांग्लादेश से होने वाले आयात पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. इस कदम से बांग्लादेश की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर और दबाव पड़ने की संभावना है. इस कदम को दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और बांग्लादेश की हालिया नीतियों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है. बांग्‍लादेश के बदलते रुख पर भारत ने भी अब सख्‍त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसका सीधा असर बांग्‍लादेश के करोड़ों डॉलर के निर्यात पर पड़ेगा और उसके कपड़ा उद्योग को तगड़ा झटका लग सकता है. भारत ने अपने सख्‍त फैसले में भूमि बंदरगाहों के जरिये बांग्लादेश के रेडीमेड कपड़ों व कई अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के निर्यात पर अंकुश लगा दिया है. यह फैसला भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत लिया गया है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने 17 मई को इसकी घोषणा की भारत ने यह फैसला बांग्‍लादेश के भारतीय उत्‍पादों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद किया है. यह फैसला ढाका द्वारा भारतीय धागों और चावल पर इसी तरह की व्यापार बाधाएं लगाने के जवाब में लिया गया है.

भारत ने ये प्रतिबंध क्यों लगाए हैं?

 यह कदम बांग्लादेश की हालिया व्यापार नीतियों के जवाब में देखा जा रहा है. अप्रैल 2025 में, बांग्लादेश ने भारतीय यार्न (धागा) आयात पर लैंड पोर्ट्स के माध्यम से प्रतिबंध लगाए और बेनापोल-पेट्रापोल चेकपोस्ट पर भारतीय ट्रकों के लिए कस्टम क्लीयरेंस में लगने वाला समय बढ़ाकर नॉन-टैरिफ बैरियर्स क्रिएट किए.

इनका उद्देश्य भारतीय उत्पादों को बांग्लादेश में प्रवेश करने से रोकना था. इसके अलावा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के भारत-विरोधी बयान, खासकर नॉर्थ-ईस्ट को लेकर चीन में दिए बयान ने भारत को यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया.

इन प्रतिबंधों का बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?

ये प्रतिबंध बांग्लादेश की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था को और ज्यादा कमजोर कर सकते हैं. राजनीतिक अस्थिरता, बढ़ती महंगाई (लगभग 10-10.2%), और कमजोर घरेलू मांग के कारण, वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ रेट 3.8-4% रहने का अनुमान है. ये वित्त वर्ष 2024 के 4.2% से कम है.

ग्रुप ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) की रिपोर्ट भी ये कहती है कि,भारत और बांग्लादेश के बीच मौजूदा व्यापार विवाद केवल आयात-निर्यात तक सीमित नहीं है.