पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने LOC तक T-72 टैंक तैनात किये, 4000 मीटर की दूरी तक मिसाइल गिराने में सक्षम.
Tuesday, 20 May 2025 13:30 pm

Golden Hind News

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर T-72 टैंक तैनात किए थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि T-72 टैंक इस ऑपरेशन का अहम हिस्सा रहे।ये 125 मिमी की तोपों और 4,000 मीटर तक की मिसाइल मारक क्षमता से लैस हैं। इन्हें संयुक्त बलों की तैनाती के तहत मोर्चे पर भेजा गया था।T-72 टैंक अभी भी BMP-2 बख्तरबंद गाड़ियों के साथ LoC पर तैनात हैं, ताकि घुसपैठ के रास्तों को पूरी तरह सील किया जा सके।सेना अधिकारियों ने यह भी बताया कि ऑपरेशन को औपचारिक तौर से खत्म नहीं किया गया है, बल्कि सिर्फ रोका गया है। पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई 10 मई से रुकी हुई है, लेकिन नियंत्रण रेखा पर जवान 24x7 निगरानी में जुटे हुए हैं।भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को कहा था कि भारत के पास इतनी ताकत है कि वह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकता है। ANI से बातचीत में एयर डिफेंस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान ने कहा- चाहे पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से हटाकर खैबर पख्तूनख्वा तक कहीं और क्यों न ले जाए, वह हमारी रेंज में ही रहेगा।इससे पहले, सेना ने वीडियो पोस्ट करके बताया- 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया था, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया। सेना पहले से सतर्क थी और पाकिस्तान की फायरिंग पैटर्न को समझकर कुछ ही सेकेंड में जवाब दिया।

ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का प्रतिशोध

यह अभियान 7 मई को अंजाम दिया गया था और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का प्रतिशोध लेना था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक मारे गए थे.सेना अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन की शुरुआत से पहले टैंक पहले से ही नियंत्रण रेखा (LOC) तक पहुंचा दिए गए थे. इनका मुख्य कार्य आतंकियों की घुसपैठ के लिए इस्तेमाल होने वाले मार्गों और चौकियों को ध्वस्त करना था.अधिकारी ने बताया कि बख्तरबंद वाहनों की भूमिका सटीक हमलों के लिए चुनी गई थी और इन्हें संयमित रूप में इस्तेमाल किया गया, ताकि संघर्ष विराम की सीमाएं न लांघी जाएं. अधिकारी ने कहा कि हमने उन पाकिस्तानी चौकियों को भी निशाना बनाया जो घुसपैठ में मदद कर रही थीं. ये हमारे लिए पहले से चिन्हित लक्ष्य थे.

T-72 टैंकों की खासियत                                                                                                                                                                                                                                                                                                 
T-72 टैंकों की 125 मिमी की बंदूकें और 4000 मीटर की मारक क्षमता वाली मिसाइलें इस ऑपरेशन का घातक हथियार बनीं. अधिकारी ने यह भी बताया कि इन हथियारों की प्रभावशीलता इतनी थी कि बहुत कम संसाधनों के साथ ज्यादा नुकसान किया गया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 प्रमुख ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया. रिपोर्ट्स के अनुसार मारे गए 100 से अधिक आतंकियों में से कुछ भारत में वांछित थे.कई आतंकवादी 1999 के कंधार विमान अपहरण कांड समेत अन्य बड़े हमलों से जुड़े हुए थे.यह कार्रवाई वायु सेना, पैदल सेना और बख्तरबंद बलों के समन्वित प्रयासों का परिणाम थी.