सांसद रोत की विधायक बामनिया से मुलाकात बनी चर्चा का विषय, सियासी गलियारों में हलचल हुई तेज 

सांसद राजकुमार रोत ने विधायक बामनिया को लगाया गले, क्या कांग्रेस BAP के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव...

rajkumar

राजस्थान में जल्द ही पंचायती राज चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सियासत के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि क्या कांग्रेस भारत आदिवासी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें सांसद राजकुमार रोत ने जीत भी हासिल की थी और वह सांसद चुने गए। दरअसल हाल ही में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में सांसद राजकुमार रोत और बांसवाडा विधायक अर्जुन सिंह बामनिया एक साथ नजर आए।‌ जहां दोनों ही नेता एक दूसरे के बगल में बैठे हुए नजर आए। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर एक दूसरे को गले लगाया। इसके बाद से ही दोनों की मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है। जैसे ही इस मुलाकात की तस्वीर सामने आई उसके बाद राजनीतिक जानकारों ने अलग-अलग कयास लगाने शुरू कर दिए। दोनों कि इस मुलाकात को पंचायती राज चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। 

सांसद राजकुमार रोत और विधायक बामनिया की मुलाकात से चर्चाओं का दौर शुरू 

होली के बाद त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में प्रतिवर्ष साहित्यिक और सांस्कृतिक समिति के संयोजन में लोक परम्परा के अन्तर्गत सामूहिक गेर नृत्य का आयोजन होता है। इस आयोजन में सांसद राजकुमार रोत और विधायक अर्जुन सिंह बामनिया भी सम्मिलित हुए। सांसद रोत और विधायक बामनिया ने इस दौरान मंच साझा भी किया। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ा था और बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की। इसके बाद में विधानसभा उपचुनाव में दोनों दलों ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे। इस साल के अंत में होने वाले पंचायती राज चुनाव से पहले दोनों नेताओं की तस्वीर ने सियासी चर्चाओं पर जोर दे दिया है। कार्यक्रम के दौरान सांसद और विधायक दोनों एक दूसरे से गले मिले और उसके बाद दोनों एक दूसरे से कान में कुछ बात करते हुए भी दिखाई दिए। जिसे सीधा आगामी पंचायती राज चुनाव से जोड़ा जा रहा है। यह भी कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या पंचायती राज चुनाव भी कांग्रेस भारत आदिवासी पार्टी के साथ मिलकर लड़ेगी। हालांकि राजकुमार रोत विधानसभा उपचुनाव के बाद यह साफ कर चुके हैं की वह पंचायती राज चुनाव खुद के दम पर लड़ेंगे। 

क्या कांग्रेस BAP के साथ मिलकर लड़ेगी पंचायती राज चुनाव 

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। मालवीया के कांग्रेस छोड़ने के बाद कई नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया था। इसके बाद चुनाव के दौरान भाजपा ने महेंद्रजीत सिंह मालवीया को अपना प्रत्याशी चुना वहीं भारत आदिवासी पार्टी की ओर से राजकुमार रोत को प्रत्याशी घोषित किया गया। कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। कांग्रेस का अधिकृत सिंबोल अरविंद डामोर को दिया गया था। लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दिया और राजकुमार रोत के साथ मिलकर चुनाव लड़ा‌। इस दौरान विधायक बामनिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस चुनाव में अरविंद डामोर और महेंद्र सिंह मालवीया को हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव के दौरान एक दूसरे के साथी बने दोनों ही दल उपचुनाव के दौरान अलग-अलग चुनाव लड़ते हुए नजर आए। बागीदौरा और चौरासी विधानसभा सीट पर दोनों पार्टियों एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हुई नजर आई यही वजह रही कि कांग्रेस दोनों ही सीटों पर तीसरे स्थान पर चली गई। हालांकि अब पंचायती राज चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। कयास यह लगाए जा रहे हैं की पंचायती राज चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस साथ नजर आ सकती है।