BSF ने बताया किन महिला सैनिकों ने छुड़ाए पाकिस्तान के छक्के

BSF की फॉरवर्ड पोस्ट का नाम सिंदूर रखने का प्रस्ताव

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बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने 10 मई को सांबा सेक्टर में अपनी एक पोस्ट का नाम सिंदूर और दो अन्य का नाम पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलाबारी में शहीद हुए जवानों के नाम पर रखने का प्रस्ताव दिया है। BSF ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी कार्रवाई से जुड़ी जानकारी दी। BSF के IG जम्मू फ्रंटियर शशांक आनंद ने बताया कि 10 मई की सुबह पाकिस्तान ने हमारी पोस्ट पर ड्रोन हमले किए। इसमें BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार शहीद हो गए थे। IG आनंद ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान फॉरवर्ड पोस्ट पर लड़ने वाली महिला जवानों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, 'हमारी बहादुर महिला कर्मियों, सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी, कॉन्स्टेबल मंजीत कौर, कॉन्स्टेबल मलकीत कौर, कॉन्स्टेबल ज्योति, कॉन्स्टेबल सम्पा और कॉन्स्टेबल स्वप्ना और अन्य ने पाकिस्तान के खिलाफ फॉरवर्ड पोस्ट पर लड़ाई लड़ी। आरएस पुरा सेक्टर के BSF DIG चित्तर पाल ने बताया, '9 मई को पाकिस्तान ने फ्लैट ट्रैजेक्टरी हथियार और मोर्टार से हमारी कई पोस्ट को निशाना बनाया। उन्होंने ब्दुलियान गांव पर भी हमला किया। जवाब में BSF ने पाकिस्तानी आतंकी लॉन्चपैड मस्तपुर को नष्ट कर दिया। गोलीबारी के दौरान पाकिस्तानी सैनिक अपनी पोस्ट छोड़कर भाग रहे थे। 

BSF की महिला अधिकारियों के बारे में दी जानकारी 

BSF ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कई अहम जानकारियां शेयर कीं। उन्होंने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन में हिस्सा लेने वालीं BSF की महिला अधिकारियों के बारे में जानकारी दी। सीमा सुरक्षा बल ने साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने अपने दो पोस्टों का नाम अपने शहीद सैनिकों के नाम पर रखने और एक पोस्ट का नाम 'सिंदूर' रखने का प्रस्ताव पेश किया है।
ऑपरेशन सिंदूर पर BSF के आईजी जम्मू शशांक आनंद ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान BSF की महिला कर्मियों ने अग्रिम ड्यूटी चौकियों पर लड़ाई लड़ी। हमारी बहादुर महिला कर्मियों, सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली। कांस्टेबल मंजीत कौर, कांस्टेबल मलकीत कौर, कांस्टेबल ज्योति, कांस्टेबल संपा और कांस्टेबल स्वप्ना और अन्य ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अग्रिम चौकियों पर लड़ाई लड़ी।" IG ने आगे कहा, "BSF चौकियों पर पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमले और गोलाबारी में, हमने BSF के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कांस्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार को खो दिया। हम अपने खोए हुए कर्मियों के नाम पर अपनी दो चौकियों का नाम रखने का प्रस्ताव रखते हैं और एक चौकी का नाम 'सिंदूर' रखने का प्रस्ताव रखते हैं।

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कैसे दिया करारा जवाब

 बीएसएफ ने मंगलवार को दोहराया कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से गोलाबारी का भारत ने जोरदार और प्रभावी तरीके से जवाब दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि 9 और 10 मई की रात को नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों के लॉन्चपैड पर भी हमला करने की योजना बनाई गई थी। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जम्मू फ्रंटियर के बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तानी चौकी ने भारत की चौकियों पर गोलीबारी की, जिसके लिए वह पहले से ही तैयार थे। आनंद ने कहा, "इस तैयारी के परिणामस्वरूप, हमने सीमा पार से गोलीबारी के दौरान कई पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया। हमें खुद कोई नुकसान नहीं हुआ।"

आतंकवादी अपने लॉन्च पैडों और शिविरों में लौट रहे - BSF ने दी जानकारी

उन्होंने नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ की जानकारी का भी उल्लेख किया। शशांक आनंद ने कहा, "हमें आतंकवादियों के अपने लॉन्च पैडों और शिविरों में लौटने और नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संभावित घुसपैठ के बारे में कई इनपुट मिल रहे हैं। सुरक्षा बलों को सतर्क रहना होगा।" इसके अलावा, आरएस पुरा सेक्टर के बीएसएफ डीआईजी चित्तर पाल ने पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से गोलाबारी के बाद क्षेत्र में की गई जवाबी कार्रवाई का भी जिक्र किया।
 पाल ने कहा, "9 मई को पाकिस्तान ने हमारी कई चौकियों को निशाना बनाया। सबसे पहले उन्होंने फ्लैट ट्रेजेक्टरी हथियार और मोर्टार से हमारी चौकियों को निशाना बनाना शुरू किया। उन्होंने हमारे एक गांव अब्दुलियान को भी निशाना बनाया। हमारे बीएसएफ जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। जब उन्होंने गोलीबारी कम की तो उन्होंने ड्रोन गतिविधियां बढ़ा दीं। जवाब में बीएसएफ ने पाकिस्तान के आतंकी लॉन्चपैड मस्तपुर को निशाना बनाया और उसे नष्ट कर दिया।" उन्होंने आगे कहा, "गोलीबारी के दौरान यह देखा गया कि पाकिस्तानी सैनिक अपनी चौकियां छोड़कर भाग रहे थे।