जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि ग्राम भादसोड़ा में 150 किलोलीटर व आकोला में 200 किलोलीटर के नवीन उच्च जलाशय के निर्माण के लिए अप्रेल माह में टेंडर करवाकर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कपासन विधानसभा क्षेत्र के सभी गांव और ढ़ाणियों को जल जीवन मिशन से जोड़ा जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इन दोनों जलाशयों के निर्माण की स्वीकृति जाखम बांध आधारित वृहद परियोजना के अंतर्गत जारी की गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अब राज्य सरकार के मद से इनकी स्वीकृति जारी कर कार्य शुरू किया जाएगा। इससे पहले विधायक अर्जुन लाल जीनगर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र कपासन में विभाग द्वारा पेयजल योजना भादसोड़ा व आकोला के क्षतिग्रस्त उच्च जलाशयों को सक्षम स्तर से स्वीकृति उपरांत क्रमशः माह जून- 2021 एवं अक्टूबर-2023 में साइट से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त क्षतिग्रस्त उच्च जलाशयों के स्थान पर ग्राम भादसोड़ा व आकोला में नवीन उच्च जलाशय क्षमता क्रमशः 150 किलोलीटर व 200 किलोलीटर के निर्माण की स्वीकृति जाखम बांध आधारित वृहद परियोजना के अंतर्गत जारी की गई है। खम बांध आधारित वृहद पेयजल परियोजना की स्वीकृति राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति की 37वीं बैठक 30 जून 2023 द्वारा राशि रूपये 3645.56 करोड़ की जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रियाधीन है। चौधरी ने बताया कि वर्तमान में ग्राम भादसोड़ा एवं ग्राम आकोला में पम्प हाउसों से सीधे बूस्टिंग द्वारा पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्राम पहुंना में वर्तमान में 02 उच्च जलाशय क्षमता क्रमशः 100 किलोलीटर व 200 किलोलीटर कार्यरत है। 100 किलोलीटर क्षमता के उच्च जलाशय की सीढ़ियां व बालकनी क्षतिग्रस्त है, जिससे जनहानि की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि उक्त उच्च जलाशय लगभग 50 वर्ष पुराना है, जिसके स्थान पर 150 किलोलीटर क्षमता के नवीन उच्च जलाशय के निर्माण की स्वीकृति जाखम बांध आधारित वृहद पेयजल परियोजना के अंतर्गत जारी की जा चुकी है। परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत उच्च जलाशय के निर्माण के उपरान्त वर्तमान में कार्यरत 100 किलोलीटर क्षमता के उच्च जलाशय को नियमानुसार साइट से हटाने की कार्यवाही की जाएगी।