मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरूवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने रेखा गुप्ता को पुष्प गुच्छ भेंट कर दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार दिल्ली के विकास को नई दिशा और गति प्रदान करेगी
मुख्यमंत्री दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में हुए शामिल
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रेखा गुप्ता को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर दी बधाई

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रफीक खान ने कहा-क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह, आखिर क्यों छलका विधायक का दर्द...
आखिर विधानसभा में ऐसा क्या हुआ की मीडिया के सामने भावुक हो गए कांग्रेस के मुख्य सचेतक रफीक खान। विधायक रफीक खान का दर्द छलक उठा और वह भावुक हो गए। मीडिया से बात करते हुए रफीक खान का गला भर आया और उन्होंने कहा कि सदन में मेरा चरित्र हनन किया गया। क्या मेरा मुसलमान होना कोई गुनाह है। सदन में मुझे गालियां दी गई। मैं अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहा हूं। रफीक खान ने कहा कि अगर मुसलमान होना गुनाह है तो भाजपा के लोगों से कह रहा हूं कि आप कोई कानून लेकर आ जाओ। और यह कह दो कि आगे से कोई मुसलमान विधायक चुनकर नहीं आएगा। रफीक खान भावुक होते हुए कहने लगे कि आज अगर मेरे पिता जिंदा होते तो यह शब्द सुन भी नहीं पाते। मेरे पिता हिंदी के कवि रहे और उन्होंने हमेशा हिंदी को बढ़ावा दिया है। दरअसल रफीक खान का यह दर्द इसलिए छलक क्योंकि विधानसभा में हंगामे के दौरान पाकिस्तानी-पाकिस्तानी के नारे लगाए गए थे। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर कांग्रेस में रोष व्याप्त है और कांग्रेस लगातार इसकी निंदा कर रही हैं।
पाकिस्तानी कहने पर छलका विधायक रफीक खान का दर्द
रफीक खान ने कहा कि मैं विधानसभा अध्यक्ष से मिला तो उन्होंने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री से बात करो। मैं संसदीय कार्य मंत्री से मिला तो उन्होंने कहा कि हम चर्चा नहीं करेंगे। शब्द डिलीट कर देंगे, लेकिन यह शब्द पूरे मीडिया में है। यूट्यूब पर हैं तो क्या वहां से यह शब्द डिलीट हो जाएंगे। रफीक खान ने कहा कि विधायक गोपाल शर्मा ने जिस तरह से मेरे चरित्र का चीर हरण किया वह बर्दाश्त के लायक नहीं है। रफीक खान ने कहा की विधानसभा में चर्चा कर रहे हो तो बातचीत से समाधान होना चाहिए था। आपने चर्चा के दौरान न केवल शब्दों की मर्यादा तोड़ी, जिस तरह मेरे व्यक्तित्व का चीर हरण किया गया। इस तरह के शब्द मेरे लिए इस्तेमाल किए गए , मैं उम्मीद करता हूं यह बात पूरी सरकार सुनेगी और इस बात पर चर्चा करेगी ।
राजस्थान विधानसभा में लगे थे पाकिस्तानी-पाकीस्तानी के नारे
यह मामला तब शुरू हुआ जब राजस्थान विधानसभा में नगरीय विकास और स्वायत्त शासन की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सदन का माहौल अचानक गरमा गया। कांग्रेस के सचेतक रफीक खान जब अपनी बात रख रहे थे,रफीक खान ने भजनलाल सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को नाकाम बताया। साथ ही उन्होंने एक शेर पढ़ा ‘जो रईस हैं खानदानी मिजाज रखते हैं, नरम अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई नई है‘। तभी भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने उन पर पाकिस्तानी -पाकिस्तानी का नारा लगाया। गोपाल शर्मा के इस बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ा ऐतराज जताया, जिससे सदन में तकरीबन दो मिनट तक नोकझोंक होती रही। इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी रोष जताया था।
खान ने कहा- मुस्लिम विधायक होना गुनाह तो पास करवा दो कानून
टीकाराम जूली ने इस मामले को लेकर कहा था की सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा द्वारा कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रफीक खान पर की गई टिप्पणी बेहूदा एवं स्तरहीन है। भाजपा नेताओं में बयानबाजी का स्तर दिनोंदिन गिराने की होड़ लग गई है। इन्हें विधानसभा में बोलने और सड़क पर दिए जाने वाले भाषणों में कोई अन्तर नहीं लगता है। ये भूल जाते हैं कि रफीक खान उस शेखावटी की भूमि से आते हैं जहां सभी धर्मों के लोग सेना में जाकर इस देश के लिए फक्र से अपनी जान देते हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी एवं सदन के नेता भजनलाल शर्मा को इस पर संज्ञान लेकर विधायक पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी टिप्पणियां असहनीय एवं निंदनीय हैं। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या ऐसे बयानों में क्या उनकी स्वीकारोक्ति है
राजस्थान के उपचुनावों में पार्टीयों के बीच गठबंधन को लेकर पशोपेश ।
जयपुर : उपचुनावों की घोषणा के साथ ही राजस्थान में भी चुनावी रण छिड गया है। सभी 7 सीटो पर नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 13 नवंबर को वोटिंग व 23 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आयेगा। चुनावी घोषणा के साथ ही, राज्य की सभी पार्टियां अपनी अपनी रणनितियो मे जूट गई है। गठबंधन पर भी बैठको का दौर शुरू हो गया है। हालंकि गठबंधन पर सभी पार्टियों के अपने -अपने मत है। राजस्थान में होने वाले 7 सीटो पर उपचुनाव में 4 प्रमुख पार्टिया सामने निकलकर आ रही है - भाजपा, कांग्रेस, BAP और RLP और चारो ही पार्टिया असमजम में दिख रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड का कहना है - कि वो उपचुनाव मे किसी से गठबंधन के लिए आग्रह नही करेगे , लेकिन अगर आगे से कोई निवेदन आता है - तो उसे मना भी नहीं करेंगें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने उप-चुनावो को काग्रेस के लिए लिए सभी चुनौती माना , जबकि भाजपा के सभी 7 सीटो पर आश्वस्त दिखे।वहीं काग्रेस ने गठबंधन पर फैसला दिल्ली आलाकमान पर छोड़ा है। आपको बता दे ,लोकसभा चुनाव में राष्टीय पार्टी काग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टी BAP से गठबंधन किया था।आदिवासी बेल्ट चौरासी विधानसभा सीट पर BAP जीत सुनिश्चत मान रही है| ऐसे में माना जा रहा था- यदि चौरासी सीट पर दोनो पार्टीयो का गठबंधन हो जाता है, तो यह बीजेपी की साख पर सवाल बन जायेगी। लेकिन कल भारत आदिवासी पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान करके सभी प्रकार की सुगबुगाहट पर पुरण विराम लगा दिया है। BAP के मोहनलाल रोत का कहना है कि हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगें। चौरासी व सलूबर सीट से पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। देवली -उनियार सीट पर अभी विचार जारी है। हालंकि मोहनलाल रोत का यह भी कहना है कि- वो गठबंधन नही करेंगे, हाँ यदि काग्रेस समर्थन देती है, तो स्वागत है।
बेनीवाल ने कहा- भाजपा हमारी दुश्मन न०-1
वही दूसरी तरफ RLP सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल का गुरुवार को एक बयान आया है.बेनीवाल ने बताया की BJP उनकी दुश्मन न०-1 है| भाजपा को सभी 7 सीटो पर मात के लिए वह काग्रेस से गठबंधन के लिए तैयार है। लेकिन देवली व खींवसर सीट पर वे अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे | बेनीवाल के अनुसार दो तीन दिन में यह साफ हो जायेगा कि दोनो पार्टियों में अलाइंस होता है कि नहीं। लेकिन अगर काग्रेस, RLP की शर्ते मान कर उनकी दो सीट की डिमांड पूरी कर देती है और सभवतः गठबंधन हो जाता है, तो बीजेपी की जीत की डगर कठिन हो सकती है, हाँ यदि मुकाबला त्रिकोणीय होता है भाजपा की जीत की संभावना अधिक हो जाती है |RLP प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि गठबंधन नहीं होता है ये देवली- उनियारा व खींवसर समेत रामगढ व झुंझुनूं यानि 4 सीटों पर चुनाव लडेंगें । इन सभी , चर्चाओ पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि वे राज्य की सभी 7 सीटो पर चुनाव लड़ने केलिए पूर्णतय तैयार हैं। लेकिन गठबंधन पर निर्णय के लिए दिल्ली में कमेटी बनायी गयी है। आलाकमान जो तय करेगा हमें वह मान्य होगा।
आपको बता दे - दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस सचिन पायलट के समर्थक को टिकट देने की संभावना बतायी जा रही| वही झुंझुनूं विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से बबलू चौधरी की दावेदारी मानी जा रही है। रामगढ़ सीट पर दिवंगत विधायक जुबेर खान की पत्नी व बेटे को चुनावी मैदान में उतारकर कांग्रेस अपना इमोशल कार्ड खेल सकती है जबकि भाजपा अपने पुराने प्रत्यशी सुखवंत सिंह को टिकट दे सकती है। चौरासी विधानसभा सीट पर BAP का दबदबा है व देवली- उनियारा , खीवंसर सीट पर RLP का वर्चस्व बना हुआ है। ( रिपोर्ट: अनुश्री यादव )
SI भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 6 दिनों से धरने पर बैठे हनुमान बेनीवाल
एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर रालोपा प्रमुख और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल अपने समर्थकों के साथ पिछले 6 दिनों से राजधानी के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. बेनीवाल ने कहा कि जब तक सरकार एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करती, तब तक धरने से नहीं उठेंगे I बेनीवाल ने इस दौरान भाजपा पर जमकर आरोप लगाए. बेनीवाल ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तो रोज एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने और आरपीएससी को भंग करने की मांग कर रहे थी, लेकिन जैसे ही सत्ता में आई, तो कंफर्ट जोन में आ गए. अब इसका नाम भी नहीं लेते हैं. इससे साफ पता चलता है कि भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है.
400 से भी ज्यादा फर्जी अभ्यर्थी- बेनीवाल
बेनीवाल ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश मंत्रिमंडलीय उप समिति ने भी की थी. इसके अलावा एसओजी और पुलिस महानिदेशक ने भी भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की थी, लेकिन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि एसओजी का कहना है कि 400 से भी ज्यादा फर्जी अभ्यर्थी हैं, तो फिर सरकार इस पर कोई एक्शन क्यों नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले को लोकसभा में भी उठाया था. बेनीवाल ने कहा कि जो मुद्दे भाजपा ने विपक्ष में रहते उठाए थे, उनमें से एक भी मुद्दे पर अब भाजपा बोलने को तैयार नहीं है.
आरपीएससी को भंग करना सरकार के हाथ में- बेनीवाल
बेनीवाल ने कहा कि भाजपा कहती है कि आरपीएससी को राष्ट्रपति ही भंग कर सकते हैं. तो फिर मुख्यमंत्री को राष्ट्रपति के नाम एक पत्र लिखना चाहिए और आरपीएससी को भंग करने की सिफारिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार सर्वेसर्वा होती है. जब इन्हें कानून में संशोधन करना होता है, तो कोई बिल लेकर आ जाते. जब सरकार भंग हो सकती है, तो आरपीएससी भंग क्यों नहीं हो सकती है. सरकार सर्वेसर्वा होती है.
BJP-RSS कैसे भी करके निकाय पंचायत चुनाव जीतना चाहते हैं- अशोक गहलोत
सोशल मीडिया एक्स पर बोले अशोक गहलोत, कहा- राजस्थान की भाजपा सरकार मनमाने तरीके से पंचायतीराज एवं नगरीय निकायों के पुनर्गठन कर रही है, मैं ऐसा पहली बार देख रहा हूं कि तोड़े जा रहे हैं सारे नियम-कानून, जिला कलेक्टरों ने जनता की आपत्तियां दर्ज कर आगे कार्रवाई करने की बजाय हाथ खड़े कर दिए हैं और कलेक्टर कह रहे हैं कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे, सारा काम राज्य सरकार के स्तर से हो रहा है RSS मिलकर येन-केन-प्रकरेण पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनाव जीतना चाहती है, इसके लिए पहले भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए अनदेखा, न तो न्यूनतम एवं अधिकतम जनसंख्या के पैमाने को माना जा रहा है और न ही मुख्यालय से उचित दूरी का ध्यान रखा जा रहा है
भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए - अशोक गहलोत
भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए, फिर वन स्टेट-वन इलेक्शन के नाम पर कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं करवाए एवं अब ये वोटबैंक को साधकर जीतने के लिए नियमों एवं जनता की सहूलियत को भी कर रहे हैं अनदेखा, न तो न्यूनतम एवं अधिकतम जनसंख्या के पैमाने को माना जा रहा है और न ही मुख्यालय से उचित दूरी का ध्यान रखा जा रहा है, कहीं शहर से 10-10 किलोमीटर दूर के गांवों को नगरीय निकायों में मिलाया जा रहा है तो कहीं गांवों को इस तरह पंचायतों से जोड़ा जा रहा है कि पंचायत मुख्यालय ही 5 से 10 किलोमीटर हो गया है.
भाजपा और RSS मिलकर येन-केन-प्रकरेण पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनाव जीतना चाहती है- अशोक गहलोत
गहलोत ने कहा- भाजपा और RSS मिलकर येन-केन-प्रकरेण पंचायतीराज और नगरीय निकाय के चुनाव जीतना चाहती है, इसके लिए पहले भरतपुर जिला प्रमुख समेत कई जगह इनके उपचुनाव तक नहीं करवाए, फिर वन स्टेट-वन इलेक्शन के नाम पर कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव नहीं करवाए एवं अब ये वोटबैंक को साधकर जीतने के लिए नियमों एवं जनता की सहूलियत को भी कर रहे हैं अनदेखा
हनुमान बेनीवाल ने किया सरकार से सवाल, बोले- मेरे ऊपर हमले का कोन होगा जिम्मेदार...
आरएलपी सुप्रीमो सांसद हनुमान बेनीवाल की सुरक्षा का मुद्दा गहराता जा रहा है। हनुमान बेनीवाल लगातार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। और अब तो हनुमान बेनीवाल ने सरकार से सीधा सवाल करते हुए पूछा है कि यदि उन पर हमला होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। हनुमान बेनीवाल ने अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है। एक तरफ तो सरकार हनुमान बेनीवाल की जान को खतरा बता कर सुरक्षा की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से केवल नागौर में ही उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। सांसद बेनीवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की एक तरफ सरकार मेरी जान को खतरा बता रही है वहीं दूसरी तरफ मेरे लाइसेंसी हथियार 11 साल से थाने में जमा है। दर्शन एक केस के चलते 2014 में हनुमान बेनीवाल ने अपनी पिस्तौल और बंदूक थाने में जमा करवाई थी। जो अभी तक भी हनुमान बेनीवाल को वापस नहीं मिली है। वहीं दूसरी ओर सांसद हनुमान बेनीवाल के बाद उनके भाई पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने भी सुरक्षा लौटा दी है।
हनुमान बेनीवाल ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जताई चिंता हनुमान बेनीवाल ने कहा की 2014 में एक केस के चलते उन्होंने अपनी पिस्टल और बंदूक थाने में जमा कराई थी। 2017 में उस केस में एफआर लग गई, फिर भी हथियार वापस नहीं दिए गए। एफआर के बाद उन्होंने तत्कालीन जिला कलेक्टर से लाइसेंस बहाल करने की मांग की, लेकिन कलेक्टर ने असमर्थता जताई। इसके बाद उन्होंने संभागीय आयुक्त से अपील की, जिन्होंने लगभग छह महीने पहले नागौर कलेक्टर को लाइसेंस बहाली के निर्देश दिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हनुमान बेनीवाल ने कहा की सांसद होने के नाते उन्हें विशेषाधिकारों के तहत लाइसेंसी हथियार और रेड पासपोर्ट मिलना चाहिए, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की। आपको बता दें कि 2024 में भी पुलिस इंटेलिजेंस को इनपुट मिला था कि हनुमान बेनीवाल की जान को खतरा है और उन पर हमला हो सकता है। और अब एक बार फिर पुलिस को हनुमान बेनीवाल की जान को खतरा होने के इनपुट मिले हैं। ऐसे में हनुमान बेनीवाल के साथ की क्विक रिस्पांस टीम तैनात की गई थी। हालांकि हनुमान बेनीवाल ने नाराजगी जताते हुए सुरक्षा वापस लौटा दी। दरअसल यह टीम केवल नागौर में हनुमान बेनीवाल के प्रवास के दौरान ही सुरक्षा प्रदान करती है। जयपुर जैसे अन्य स्थानों पर कोई सुरक्षा नहीं दी गई, जिससे नाराज होकर सांसद ने अपने दोनों पीएसओ को को लौटा दिया।
बेनीवाल बोले मेरे लाइसेंसी हथियार 11 साल से थाने में है जमा हनुमान बेनीवाल ने साल 2013 में लाइसेंस के रिन्युअल के लिए आवेदन किया था, लेकिन 2014 में भाजपा सरकार के समय एक मामला दर्ज हुआ था। इसमें बताया गया था कि हनुमान बेनीवाल ने हथियार लाइसेंस रिन्युअल के लिए आवेदन करते समय एक मुकदमे का तथ्य छुपाया है। हनुमान बेनीवाल को छात्र संघ के समय एक मामले में पूर्व मंत्री डॉ राजकुमार शर्मा के साथ सजा सुनाई गई थी। जिसके तहत हनुमान बेनीवाल पर तथ्य छुपाने को लेकर मामला दश करवाया गया। और उसके बाद में हनुमान बेनीवाल के हथियारों की रिन्युअल प्रक्रिया को रोक दिया गया था। 2014 में जैसे ही मामला दर्ज हुआ उसके बाद हथियार थाने में जमा करवा दिए गए। हनुमान बेनीवाल लगातार लाइसेंस को लेकर संभागीय आयुक्त के फैसले का इंतजार करते रहे। अब पिछले 6 महीने से लाइसेंस बहाली के निर्देश के बाद भी कोई प्रक्रिया नहीं हुई है। हनुमान बेनीवाल ने कहा की जिला कलेक्टर ने जब इस संबंध में एसपी को पत्र लिखा तो जवाब मिला कि कोई खतरा नहीं है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मेरे घर में हथियार का कोई लाइसेंस नहीं है।बेनीवाल ने कहा कि अभी 4 दिन पहले खतरे का इनपुट आने के बावजूद सुरक्षाकर्मी नहीं भेजे गए, अगर 4 दिन में कोई हमला हो जाता तो जिम्मेदार कौन था?