नेथरलैंड में दिए गए इंटरव्यू में डॉ. एस जयशंकर ने भारत पाकिस्तान के तनाव का जीकर करते हुए कहा की यूरोप के देश तो वर्ल्ड वॉर टू के बाद ही शांति के ओर है परंतु भारत पाकिस्तान के बिच में कभी शांति का भाव उत्पन नहीं हुआ। हम आतंकवाद को पिछले 80 सालो से झेल रहे है. आप आतंकवाद को नकारते है पर हमें इस समस्या का सामना करना होता है. हमरे पास चीन और पाकिस्तान दो कठिन पडोसी है और पाकिस्तान से आतंकवाद वाली परेशानी तो हमने हमेसा से झेली है. जयशंकर ने कहा ,ओर इसी के चलते हमें सुरक्षा को पहले रखना पड़ता है यूरोप के मुकाबले भारत की सुरक्षा की चुनौतियां कही ज्यादा है.
पाकिस्तान में आतंकियों का साथ देती है उनकी सेना
जयशंकर ने कहा की आतंकवाद ओर कश्मीर मुद्दा दोनों भिन्न है इन्हे साथ नहीं जोड़ा जा सकता, आतंकवाद एक अंतराष्ट्रीय अपराध है भारत के लिए ओर इसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता. पाकिस्तान और उसकी सेना आतंकवाद में पूरी तरह से लिप्त है. यह सोचना भ्रम होगा कि उन्हें अपने देश में चल रहे आतंकी नेटवर्क की जानकारी नहीं है. जयशंकर ने कहा, "हमें यह दिखावा न करें कि पाकिस्तान को कुछ पता नहीं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी खुलेआम पाकिस्तान के बड़े शहरों में घूमते हैं. उनके पते और संपर्क सब कुछ पता हैं. सरकार और सेना दोनों इसमें मिले हैं." उन्होंने कहा कि यदि वहां शहर के बीचोंबीच हजारों लोगों के सैन्य प्रशिक्षण केंद्र चल रहे हों तो क्या सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी.
ऑपरेशन सिंदूर न्याय का प्रतीक है
ऑपरेशन सिंदूर' को आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति करार दिया. जयशंकर ने कहा कि देश को इस कार्रवाई के लिए सम्मान मिलना चाहिए, क्योंकि यह केवल जवाबी हमला नहीं बल्कि न्याय का प्रतीक है. आपको इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे (pok) वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. यह जवाब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.
अगर भविष्य में आतंकवादी हमले होते हैं तो परिणाम गंभीर होंगे
कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और जो भाग अवैध कब्जे में हैं, वे भारत को लौटाने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय है. इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं हो सकती. जयशंकर ने पाकिस्तान को चेताया कि अगर भविष्य में आतंकवादी हमले होते हैं तो उसके परिणाम गंभीर होंगे. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान को यह बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि अगर फिर कोई हमला हुआ तो उसका जवाब मिलेगा."