डोल का बाढ़ जंगल को बचाने के लिए धरना जारी

फिनटेक पार्क की आड़ में काटे जा रहे 2500 पेड

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राजस्थान के जयपुर में कुछ परिंदे अपना अस्तित्व व अपना घोंसला खोने वाले है. फिनटेक पार्क विकसित करने के लिए " "डोल का बाढ़ " जंगल को उजाड़ा जा रहा हैं। यह जंगल 40 हैक्टर में फैला है जहा सरकार के द्वारा फिनटेक पार्क के नाम पर 2500 पेड- पौधे काटे जा रहे है I वृक्ष गणना में बताया गया कि जिस भूमि पर विकास परियोजना प्रस्तावित है, वहां 203 पेड़ मौजूद हैं। इनमें से 14 पेड़ पूरी तरह विकसित खेजड़ी के हैं, जो राजस्थान का राजकीय वृक्ष भी है। आंदोलन से शुरुआत से जुड़े शौर्य गोयल ने कहा कि यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि एक सकारात्मक विकल्प भी है। उन्होंने बताया कि परियोजना को डोल का बाढ़ जैसे संवेदनशील क्षेत्र से हटाने की मांग को लेकर एक वैकल्पिक विकास योजना भी पेश की गई है।

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने की थी फिनटेक पार्क बनाने की घोषणा 

पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने जयपुर को फिनटेक सिटी बनाने के लिए बजट 2021 -22 मे पार्क व मॉल बनाने की घोषणा की थी! और अब वर्त्तमान सरकार की इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रही है यह फिनटेक पार्क 4.8 लाख  वर्गमीटर के क्षेत्र में विकसित किया जायेगा जिसमे 55% भूमि क्षेत्र होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में राज्य में औद्योगिक विकास के लिए मेगा बजट रोलआउट योजना में राजधानी में फिनटेक पार्क की घोषणा की। राज्य के कई चार्टर्ड अकाउंटेंट और आईटी पेशेवर नामचीन कंपनियों में काम कर रहे हैं और उन्होंने अपना आधार अन्य शहरों जैसे नोएडा, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, कोलकाता आदि में स्थापित किया है।’’ उन्होंने बताया कि जयपुर में विकसित किये जा रहे फिनटेक पार्क उन्हें एक आधार प्रदान करने को तैयार किया जा रहा है।

पर्यावरणविदों का पेड- पौधो की कटाईके लिए धरना जारी 

पर्यावरण प्रेमी इस फिनटेक पार्क का लगातार विरोध कर रहे है उनका कहना है की पक्षियों का आशियाना उजड़ जायेगा। इसलिए इस पार्क को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जायेग। तथा स्तानिये लोगो ने कहा "कोरोना महामारी" के दौरान जयपुर समेत देशभर में हुए ऑक्सीजन  की किल्लत का हवाला दिय। अंत: इस "डोल का बाढ़ " जंगल को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता। डोल का बाढ़ सेव अभियान जो चल रहा है एक महीने से लगातार इनका संघर्ष जारी है और इस जंगल को बचाने के लिए कुछ जो साथी हैं पिछले एक महीने से संघर्ष कर रहे हैं। इस लड़ाई में सरकार भी इनका साथ नहीं दे रही है और फिनटेक पार्क बनाया जा रहा है। कार्य प्रगति पे ढाई हजार से अधिक पेड़ों को काटा जा रहा है जो जयपुर के फेफड़ों का और ऑक्सीजन का काम करते हैं। ये जो धरना है कब तक चलेगा और कब तक नहीं चलेगा। इसमें मैं देख रहा हूं कि सरकार एकदम नपुंसक बन गई है। सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है, हम लोग इनसे काफी बार मिल चुके हैं। सीएम हाउस जा चुके हैं। रिकको से मिल चुके हैं। साथ सारी बात कर चुके हैं। लेकिन इन लोगों का कोई रिप्लाई नहीं है। और अब ये क्या चाहते हैं? २५०० पेड़ों को काटना चाह रहे हैं। इन्होंने चारों तरफ से बाड़बंदी कर दी है बाड़बंदी के अंदर लॉक करके अपने आप काम कर रहे हैं। किसी को दिखा भी नहीं, क्या कर रहे हैं ये लोग। और इसका रिप्लांटेशन के लिए कहा था रीप्लांटेशन पॉसिबल नहीं है और जंगल को बचाने के लिए हम लोग एकजुट हुए हैं। मेरा किसी प्रकार से सरकार से किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से कोई रिलेशन नहीं है और हम लोग जंगल बचाने की मुहिम जब तक कोशिश रहेगी जब तक जान है अब तक जारी रहेगी। लेकिन ये मामला 2013 से ही चल रहा है। कोर्ट में चला। फिर आगे पूर्ववर्ती सरकार गहलोत की आती है और अशोक गहलोत ने ड्रीम प्रोजेक्ट और फिनटेक पार्क को लेते हुए जोधपुर की तर्ज पर ही विकसित करने का प्लान करते हैं। उसको लेकर क्या हां फिनटेक पार्क के लिए 2023 में इसका इसको ठंडी वस्तों में डाल दिया था क्योंकि इस टाइम पे दिया कुमारी और इलेक्शन का जोर था इलेक्शन के टाइम पे गहलोत जी ने इसको ग्राउंडेड कर दिया था, उसके बाद में अब दोबारा से ये मुद्दा उठा है क्योंकि यहां पे अब पीएम यूनिटी मॉल बन रहा है जो कि एक औचित्यहीन बात है और पीएम यूनिटी मॉल तो आपको कि इसमें क्या करेंगे !