2023 में सिविल लाइन की रहने वाली वृद्ध हरबीर कौर (81) ने संपत्ति के कूटरचित दस्तावेज और बेटे की ओर से मारपीट करने एवं अभद्र व्यवहार को लेकर अपने बेटे मुनिंद्र सिंह पर कोर्ट के इस्तगासे से प्रकरण संख्या 175/23 सोडला थाने में दर्ज करवाया था। लेकिन पुलिस ने परिवादी को न्याय दिलाना तो दूर मामले की निष्पक्ष जांच भी नही की। कई बार थाने के चक्कर लगाने के बाद भी पुलिस ने एफआर लगाने की बात कही।
कोर्ट ने पुलिस को एफएसएल जांच करवाने के आदेश दिए थे
पीड़ित हरबीर कौर का बेटा मुनिंद्र आए दिन उनके साथ अनैतिक व्यवहार करता है। इसके फोटो और विडियों भी उनकी बेटी ने पुलिस को दी है। इसके अलवा मुनिंद्र की ओर बनाई गई संपत्ति की कूट वसियत संबंध में कोर्ट ने पुलिस को एफएसएल जांच करवाने के आदेश दिए थे। लेकिन पुलिस जांच नही करवाई। परिवादी हरबीर कौर पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा और अन्य पुलिस अधिकारियों के पास भी गुहार लगाने गई पर कुछ नही हुआ। हालात ये हैं कि सोडला थाना पुलिस आए दिन हरबीर कौर और उनकी बेटी को धमका रही है। उन्हे प्रकरण में एफआर लगाने की बात कहती है। जबकि, मामला कोर्ट में लंबित है।
पुलिस वालों ने एफआईआर पर कोई कार्यवाही नहीं कि
पूनम सिंह ने मीडिया को बताया कि मुनिंद्र सिंह, रेनू सिंह और राजपाल सिंह तीनों ने मिलीभगत से फर्जी वसीयत बनाई। उसके बाद वृद्धा हरबीर कौर और बेटी पूनम सिंह ने 0175/23 एफआईआर कोर्ट से करवाई, क्योंकि पुलिस वाले एफआईआर दर्ज नहीं कर रहे थे, कोर्ट से एफआईआर पुलिस थाने गई अनुसंधान के लिए, लेकिन पुलिस वालों ने एफआईआर पर कोई कार्यवाही नहीं कि, परिवादी ने कोर्ट में 210 की एप्लिकेशन भी लगाई लेकिन हर बार पुलिस वालों के पास सिर्फ यही जवाब था कि ये पारिवारिक मामला है। कोर्ट ने पुलिस से कई बार जवाब भी मांगा लेकिन पुलिस ने कोर्ट के निर्देश की पालना नही की।फाईल पूर्व एसीपी (श्याम सुंदर) सोडाला के पास आ गई । वसीयत में गवाहों के बयान दर्ज हो चुके है। लेकिन अभी तक परिवादी को नही बताया गया की वसीयत पर हुए हस्ताक्षर कि जांच कब तक होगी। उन्होंने बताया कि जांच जल्द से जल्द हो ताकि सच सबके सामने आ सकें और गुनहगारों को सजा मिल सके और परिवादी को से जल्द इन्साफ मिल सके। लेकिन पुलिस के गैरजिम्मेदाराना रवैए से अभी तक न्याय नहीं मिला।
एफआईआर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई
बीमार मां की बेटी पूनम ने बताया कि मुनिंद्र सिंह, रेनू सिंह बहुत पहले से ही हमारे साथ मारपीट, गाली गलौज करते आ रहे हैं, झूठी वसीयतों के आधार पर हमें ( मुझे व मेरी माता ) को घर से बाहर निकालना चाहते हैं , 3/11/23 को मुनिंद्र सिंह ने रेनू सिंह के साथ प्लानिंग करके मेरे और मेरी माता जी के साथ मारपीट की । जब मुनिंद्र सिंह हमारे साथ मारपीट और अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा था उस समय रेनू सिंह नीचे अपने ड्राइंग रूम के पर्दे के पीछे से हमारे साथ मुनिंद्र सिंह को मारपीट करते हुए देख कर खुश हो रही थी। क्योंकि रेनू सिंह की बार मुझे मेरी माता जी के सामने कह चुकीं थीं और धमकी दे चुकी थी कि तेरा मुंह तो जुतों से पीटने लायक है और तुझे काट कर तो गंगा में बहा देना चाहिए। जब तक तू मरेंगी नहीं तू इस घर को छोड़ कर नहीं जाएगी।
हमने थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा लेकिन पुलिस वालों ने खानापूर्ति करते हुए हमारा मेडिकल करवाया और एक साधारण सी रिपोर्ट दर्ज कर दी। हमने थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा भी लेकिन पुलिस वालों ने हमारी एफआईआर दर्ज नहीं की और हमसे कहा कि अगर तुम्हें एफआईआर दर्ज करवानी है तो कोर्ट से करवा लो ।फिर हमने 18/11/23 को कोर्ट से एफआईआर 0447/23 मुनिंद्र सिंह और रेनू सिंह के खिलाफ करवाईं। जिसमें पुलिस वालों ने हमारे बयान लिए लेकिन फिर सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए। एफआईआर को हुए इतना वक्त हो चुका है लेकिन अभी तक मुनिंद्र सिंह और रेनू सिंह पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।